Tuesday, 28 August 2012

पर्यटन और अनुवाद


पर्यटन और अनुवाद
  Tourism को हिन्दी में पर्यटन कहा जाता है। यह शब्द संस्कृत भाषा के परि+अट+ति से बना है जिसका अर्थ चारों तरफ घूमना है। पर्यटक एक ऐसा व्यक्ति होता है जो घर से बाहर कम से कम 24 घंटे और ज्यादा से ज्यादा 11 महीने के लिए घर से बाहर रहता हो। वह पर्यटक कहलाता है।
पर्यटन को भी आज कल उद्योग का दर्जा मिल गया है। इस क्षेत्र में अऩुवाद का बहुत महत्व है। पर्यटन का संबंध राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों क्षेत्रों में होता है। इसमें यात्रा, आवास, मनोरंजन, पर्यटन स्थल संबंधी सूचना, प्रचार सामग्री आदि का उपयोग होता है। इस क्षेत्र में अनुवाद के दोनों रूप लिखित और मौखिक रूपों की आवश्यकता होती है। देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए परिवहन संबंधी सुविधाओं और होटल एवं यात्री निवास आदि पर अनुवादकों की बहुत आवश्यकता होती है। पर्यटकों के साथ मार्ग-दर्शक (गाइड) को पर्यटन व स्थल संबंधी बहुत से जानकारी कई भाषाओं में देनी पड़ती है इसी के साथ विशिष्ट पर्यटक स्थलों के बारे में छपी पुस्तक आदि के बारे में पर्यटकों के लिए कई भाषाओं में अनुवाद कर सामग्री उपलब्ध करवानी होती है। रेवले स्टेशन, एयरपोर्ट आदि पर अपेक्षित सूचना कई भाषाओं में प्रकाशित और प्रसारित कराई जाती है ताकि पर्यटकों को असुविधा न हो। वास्तव में, पर्यटन क्षेत्र एक ऐसा क्षेत्र है जो अनुवाद पर बहुत हद तक निर्भर करता है। पर्यटन उद्योग कुल जी.डी.पी. का ¼ अंश सहयोग करती है। पर्यटन की गतिविधि निम्नलिखित उद्देश्यों से प्रेरित होकर होती हैः-1.       खेल गतिविधि (Sports)
2.       चिकित्सा (Medical)
3.       धार्मिक एवं अध्यात्मिक यात्रा (Religious and Spiritual)
4.       ऐतिहासिक झुकाव (Historical attraction)
5.       शिक्षा (Education)
6.       जलवायु (Climate)
7.       संगोष्ठी, गोष्ठी (Conference Meeting, Seminar)
8.       नौकरी (Jobs)
9.       आयात-निर्यात (Export-Import)
10.   व्यापार (Business)
पर्यटन वाणिज्य क्षेत्र का महत्वपूर्ण पक्ष बन गया है भारत में वाणिज्य के तौर पर स्वास्थ्य पर्यटन के तौर पर एक नई प्रवृत्ति देखी जा रही है। यहां अनेक स्वास्थ्य संगठन चिकित्सा संबंधी सुविधा उपलब्ध कराने के साथ-साथ पर्यटन सुविधाओं की व्यवस्था भी कर रहे है। जैसे परिवहन सुविधा उपलब्ध कराना यहां तक कि कुछ Travelers पर्यटकों को Lounging and Boarding सुविधा उपलब्ध करा रहे है। इसके कारण भारत में अनेक देशों से पर्यटक न केवल भारत भ्रमण के लिए आते है बल्कि वह रोग उपचार के लिए भी आने लगे है। एक कारण यह भी है कि पश्चिमी देशों बुजुर्गों की परिवार में समुचित देखभाल न होने के कारण वहां के सेवानिवृत्त एवं वयोवृद्ध लोग भारत आकर रहना पसंद करने लगे है। ऐसे में सेवा प्रदाता उन्हें भिन्न-भिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान करने के लिए Care Giving Training Centers स्थापित कर रहे है तथा वयोवृद्ध लोगों के लिए वृद्धाश्रम स्थापित किए जा रहे है और इनमें खासतौर पर विदेशियों का खासा उत्साह देखा जा रहा है और इन वृद्धाश्रमों में विदेशियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
 इसके अलावा भारत में अध्यात्मिक पर्यटन में भी बराबर बृद्धि देखी जा रही है जिसके कारण तरह-तरह के वाणिज्यिक व्यापार गतिविधियां बढ़ रही है यद्यपि अध्यात्म भारत की ही उपज है इसलिए इसका संपूर्ण ज्ञान हिन्दी एवं संस्कृत सहित भारतीय भाषाओं में विद्यमान है और इन्हें विदेशियों को सिखाने के लिए विभिन्न विदेशी भाषाओं में कई प्रकार का अनुवाद किया जाता है। इस प्रकार, यह सबई गतिविधियां पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा दे रही है और साथ में यह टूरिज्म के सेवाप्रदाता को व्यवसाय का मौका दे रहा है और इसके साथ ही अऩुवादकों को भी खासा लाभ हो रहा है। क्योंकि लिखित अनुवाद के अलावा मौखिक अनुवाद और Interpretation बहुत मात्रा मे होता है। जिसके लिए अनुवादक प्रति घंटे के हिसाब से विदेशियों से धन अर्जित करते है। 




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